नई दिल्ली: वीजा धोखाधड़ी मामले में कथित तौर पर शामिल French दूतावास का एक पूर्व कर्मचारी प्राथमिकी दर्ज होने से पहले ही भारत से फरार हो गया था। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अभियुक्त शुभम शौकीन ने कथित तौर पर जाली दस्तावेजों के आधार पर अपने माता-पिता सहित कई लोगों को वीजा जारी किया था।
French दूतावास ने इस संबंध में CBI को लिखा जिसके बाद शौकीन और उसकी सहयोगी आरती मंडल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
सूत्रो के हवाले से:
शौकीन ने कथित तौर पर प्रत्येक व्यक्ति से 50,000 रुपये लिए, जिसे उसने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वीजा जारी किया, जबकि फ्रांसीसी दूतावास ने वास्तविक मामले में किसी भी मामले को मंजूरी नहीं दी। वह उस समय 324 लोगों के वीजा मामले को देख रहे थे।
CBI ने मामला दर्ज करने के बाद उसके ठिकानों पर छापेमारी की और उसके और उसके माता-पिता – समंदर सिंह और अनीता शौकीन के पासपोर्ट बरामद किए।
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एक स्टिकर 27 यूरोपीय देशों की यात्रा:
उसके माता-पिता के पासपोर्ट पर ‘ETATS SCHENGEN’ चिपका हुआ था जो एक व्यक्ति को 27 यूरोपीय देशों की यात्रा करने की अनुमति देता है।
फ्रांसीसी दूतावास ने CBI को बताया था कि उनके पासपोर्ट पर चिपकाया गया स्टिकर असली था लेकिन उनके अधिकारी के हस्ताक्षर जाली थे।
उन्होंने कहा, कि वीजा देने से पहले उसके माता-पिता साक्षात्कार के लिए उपस्थित नहीं हुए।
फ्रांसीसी दूतावास कार्यालय से विभिन्न लोगों, विशेष रूप से पंजाब से संबंधित लगभग 64 फाइलें गायब पाई गईं।
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ऐसा आरोप लगाया गया है कि इन फाइलों को नष्ट करने के पीछे आरोपी का हाथ है।
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